मुझे परवाह नहीं दुनिया, खफा रहे, बस इतनी सी दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे।
सारे दोस्त एक जैसे नहीं, होते कुछ हमारे होकर भी, हमारे नहीं होते, आपसे दोस्ती करने के, बाद महसूस हुआ, कौन कहता है, 'तारे ज़मी पर' नहीं होते।